ठाकुरबाड़ी मंदिर फलका

आध्यात्मिक शांति और सामुदायिक एकता का केंद्र

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रामनवमी महोत्सव

रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन का पावन पर्व है, जिसे ठाकुरबाड़ी मंदिर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाता है।

रामनवमी उत्सव

रामनवमी का महत्व

रामनवमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था।

भगवान राम विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया था।

रामनवमी के दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा करते हैं और भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

रामनवमी उत्सव कार्यक्रम

ठाकुरबाड़ी मंदिर में रामनवमी का उत्सव तीन दिनों तक चलता है, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

अखंड रामायण पाठ
पहला दिन

अखंड रामायण पाठ

रामनवमी उत्सव की शुरुआत अखंड रामायण पाठ से होती है, जो 24 घंटे तक चलता है। भक्तगण बारी-बारी से रामायण का पाठ करते हैं।

भजन संध्या
दूसरा दिन

भजन संध्या

दूसरे दिन शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक भगवान राम के भजन प्रस्तुत करते हैं।

जन्मोत्सव समारोह
तीसरा दिन (रामनवमी)

जन्मोत्सव समारोह

रामनवमी के दिन मध्याह्न 12 बजे भगवान राम के जन्मोत्सव का विशेष समारोह आयोजित किया जाता है, जिसके बाद प्रसाद वितरण होता है।

रामनवमी 2025 कार्यक्रम समय-सारणी

23 मार्च, 2025 (पहला दिन)

  • सुबह 8:00 बजे - अखंड रामायण पाठ प्रारंभ
  • दोपहर 12:00 बजे - मध्याह्न आरती
  • शाम 7:00 बजे - संध्या आरती

24 मार्च, 2025 (दूसरा दिन)

  • सुबह 8:00 बजे - अखंड रामायण पाठ समापन
  • दोपहर 12:00 बजे - मध्याह्न आरती
  • शाम 6:00 बजे - भजन संध्या
  • रात 9:00 बजे - प्रसाद वितरण

25 मार्च, 2025 (रामनवमी)

  • सुबह 5:00 बजे - मंगल स्नान
  • सुबह 8:00 बजे - विशेष पूजा
  • दोपहर 12:00 बजे - जन्मोत्सव समारोह
  • दोपहर 1:00 बजे - महाप्रसाद वितरण
  • शाम 5:00 बजे - रामलीला
  • रात 8:00 बजे - आरती और समापन

कार्यक्रम स्थल

ठाकुरबाड़ी मंदिर

ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर, फलका गांव, बिहार

रामनवमी उत्सव ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर में आयोजित किया जाएगा। मंदिर परिसर को इस अवसर पर विशेष रूप से सजाया जाएगा।

भक्तों के लिए पर्याप्त पार्किंग और बैठने की व्यवस्था की जाएगी। पीने के पानी और प्रसाद की भी व्यवस्था होगी।

मंदिर परिसर