ॐमंदिर का परिचयॐ
ठाकुरबाड़ी मंदिर के इतिहास, परंपराओं और आध्यात्मिक महत्व के बारे में जानें। यह मंदिर सदियों से भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है।

ॐमंदिर का इतिहास
ठाकुरबाड़ी मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जिसका निर्माण 1915 में फलका गांव के लोगों द्वारा किया गया था, जिनमें बौधु साह, भागी रथ महाराज, महावीर सेठ, रघु नाथ साह, विश्वनाथ राम और कुछ अन्य लोग शामिल थे।
प्रारंभ में धनुर्धारी ठाकुर इस मंदिर के पुजारी थे, उसके बाद नागे पंडित, गोपी पंडित, मनोज पंडित ने सेवा की।
रामनवमी और गणेश पूजा जैसे विशेष अवसरों पर अतिरिक्त पंडित जी, नुनु झा और सुमन झा भी सेवा करते हैं।
ठाकुरबाड़ी की संपत्ति (खेत या धर्मशाला) ठाकुरबाड़ी मंदिर नवनिर्माण समिति की निगरानी में है।
ॐमंदिर की वास्तुकलाॐ
ठाकुरबाड़ी मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हिंदू मंदिर शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें विस्तृत नक्काशी और कलात्मक डिजाइन शामिल हैं।
गर्भगृह
मंदिर का गर्भगृह, जहां मुख्य देवता की मूर्ति स्थापित है, विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और इसकी डिजाइन पारंपरिक वास्तुशास्त्र के अनुसार की गई है।
शिखर
मंदिर का शिखर आकाश की ओर उठता हुआ दिखाई देता है, जो आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक है। इसकी ऊंचाई और डिजाइन मंदिर को एक विशिष्ट पहचान देती है।
मंडप
मंडप भक्तों के बैठने और प्रार्थना करने का स्थान है। इसकी छत को सुंदर स्तंभों द्वारा सहारा दिया गया है, जिन पर कलात्मक नक्काशी की गई है।
ॐमंदिर के देवी-देवताॐ
मुख्य देवता
ठाकुरबाड़ी मंदिर में भगवान शिव मुख्य देवता के रूप में विराजमान हैं। उनकी प्रतिमा काले पत्थर से निर्मित है और गर्भगृह में स्थापित है।
भक्तगण यहां आकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।
अन्य देवी-देवता
मंदिर परिसर में भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान हनुमान और माता दुर्गा की भी प्रतिमाएं स्थापित हैं।
विशेष अवसरों और त्योहारों पर इन सभी देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है और भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
ॐमंदिर प्रबंधन समितिॐ
ठाकुरबाड़ी मंदिर नवनिर्माण समिति मंदिर के प्रबंधन और विकास के लिए जिम्मेदार है। समिति के सदस्य निस्वार्थ भाव से मंदिर की सेवा करते हैं।
रामेश्वर प्रसाद
अध्यक्ष
सुरेश कुमार
उपाध्यक्ष
दिनेश झा
सचिव
मनोज सिंह
कोषाध्यक्ष
राजेश शर्मा
सदस्य
सुनील कुमार
सदस्य